रिश्ते दुनिया के
दुनिया के सभी रिश्तों ,सुन लो मेरी पुकार ,
तुम्हारे लिए ही तो है ये ,बुनी बंदनवार ,
तुम सब रिश्ते हो ,दुनिया के अपने ,
जीवन की इन राहों में , तुम दुनिया के सपने |
दुनिया की भूल - भुलैंया में ,
तुम सब हो लहरें सागर की ,
जीवन के इस सागर में ,
तुम सब हो लहरें सागर की ,
जो साथ - साथ उठती हैं ,साथ - साथ बहती हैं |
दुनिया के सब ,जंगल ,पर्वत ,झरने ,
दुनिया का साथ निभाएँ ,
दुनिया उन्हीं के नाम से जानी जाए ,
ऐसे ही रिश्तों से हर नाम ही जोड़ा जाए |
बढ़ता वही रिश्ता है ,जो प्यार से जोड़ा जाए ,
और निभाया भी प्यार जाए ,
प्यार से सींचा जाए बंधु ,प्यार से सींचा जाए |
No comments:
Post a Comment