Sunday, July 9, 2023

BACHPAN ( KSHANIKA )

 

                         बचपन 


बचपन खड़ा है सागर तट पर ,

पानी खूब उछाले ,

हाथों में भररेत वहाँ का ,

सागर में वो डाले | 


हँस - हँस कर वह नन्हें पैरों ,

खूब उछलता जाए ,

सब आने - जाने वालों को ,

करतब खूब दिखाए | 


देख खेल बचपन का दोस्तों ,

सब ही तो मुस्काएँ ,

नानी उन की यह सब देख ,

उन पर वारि जाए | 


सागर भी उन के खेलों का ,

खूब ही मज़ा उठाए ,

छोटी - छोटी लहरों को सागर ,

बचपन के पास भिजवाए | 


No comments:

Post a Comment