Monday, July 3, 2023

CHANCHAL BADARI ( JALAD AA )

 

 

                        चंचल बदरी 


पूरे फैले आसमान में ,

नन्हीं सी एक बदरी आई ,

उड़- उड़ कर ,घूम - घूम कर ,

उसने तो शैतानी मचाई ,

नन्हीं बदरी फिरे अकेली ,

कोई ना साथी ,ना कोई सहेली ,

मैं कहती हूँ नन्हीं बदरी ,

मुझको तू बना ले अपनी सहेली | 


तुझको मैं प्यार करूँगी ,

तेरे संग मैं खेलूँगी ,

झूला तुझे झुलाऊँगी मैं ,

तेरे संग मैं झूलूँगी ,

दोनों सखियाँ इस दुनिया में ,

एक धरा पर ,दूसरी आसमान में ,

मगर एक बात दोनों में है ,

दोनों ही चंचल - चंचल ,बहुत ही चंचल हैं | 


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