समझदारी
जीवन में दुःख - सुख ,नामक दो लहरें हैं ,
दुःख की लहर को ,
जिसने धैर्य से पार कर लिया ,
वही सुख की सागरीय लहर में ,
तैरने का आनंद ले सकता है |
जिंदगी में बनने वाले रिश्ते ,
दोस्ती ,प्यार ,मुस्कानों से सजाने वाला ही ,
ता - उम्र इनका आनंद ले सकता है |
ऐसा होने पर ,वो जिंदगी देने वाला ( ईश्वर ) भी ,
मुस्कुराता है ,खुश होता है क्योंकि ,
वह जान जाता है , जिसे उसने जिंदगी दी है ,
वह उसे समझदारी से बिता रहा है |
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