Thursday, June 1, 2023

GOONJ UTHAA ( RATNAAKAR )

 

                       गूँज उठा 


रवि की किरणें ,उतरीं जब धरा पर ,

सुनहरा कर दिया सभी को ,

अँगड़ाई ले सभी जन जागे ,

पंछियों की चहचहाहट से ,गूँज गया संसार | 


सागर की लहरें ,मचल - मचल कर शोर मचाएँ ,

ऐसा लगा वो करेंगी ,साहिल को पार ,

लहरों के शोर से ,गूँज उठा संसार | 


बीच में सागर ,लगता शांत सा ,

मगर किनारों पर ,इठलाती ,बलखाती लहरें हैं ,

गीली - गीली रेत पर ,पैरों के निशान हैं ,

उन निशानों में छिपा है ,

एक गूँजता संसार , एक गूँजता संसार | 


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