Thursday, June 15, 2023

DUNIYAA NAI ( JIVAN )

 

                       दुनिया नई 


पानी दे जीवन सब को ,मुस्कानें ले आय ,

पानी जो गर ना रहे ,जीवन ही मिट जाय | 


पूरी दुनिया ही दोस्त ,पानी बिन हो सून ,

क्या हो गर ये पानी ,बदरा ना बरसाय ?


सूखी मिट्टी में बंधु ,गर पानी मिल जाय ,

जड़ों के रस्ते को पकड़ ,सूखे पेड़ हरियाय | 


मिट्टी - पानी संग मिलें ,तो ईंटा देय बनाय ,

ईंटा से दीवार बने और ,नया घर बन जाय | 


ऐसे ही दुनिया चले ,चलती - चलती जाय ,

आगे का रस्ता खोज के ,दुनिया नई बनाय | 


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