दुनिया नई
पानी दे जीवन सब को ,मुस्कानें ले आय ,
पानी जो गर ना रहे ,जीवन ही मिट जाय |
पूरी दुनिया ही दोस्त ,पानी बिन हो सून ,
क्या हो गर ये पानी ,बदरा ना बरसाय ?
सूखी मिट्टी में बंधु ,गर पानी मिल जाय ,
जड़ों के रस्ते को पकड़ ,सूखे पेड़ हरियाय |
मिट्टी - पानी संग मिलें ,तो ईंटा देय बनाय ,
ईंटा से दीवार बने और ,नया घर बन जाय |
ऐसे ही दुनिया चले ,चलती - चलती जाय ,
आगे का रस्ता खोज के ,दुनिया नई बनाय |
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