Friday, January 12, 2024

SACH CHITTHI KAA ( JIVAN )

 

                       सच  चिट्ठी का       


आज समय आया है बंधु ,एस. एम. एस. का ,

आज कोई क्या समझे बंधु ? क्या है मजा एक चिट्ठी का ?

प्रेम -पत्र जो हो तो बंधु ,लिखने वाले के भाव छलकते ,

खुश्बु  भी उनसे आती थी ,जो दिल को भाती  थी || 

 

चिट्ठी लिखी जब हमने किसी को ,हफ्ता भर इंतजार किया ,

उसी के बाद जब मिली थी चिट्ठी ,पहले  निहार लिया || 

 

खोल के चिट्ठी पढ़ी जब हमने ,लगा उसका दीदार किया ,

लिखने वाले के भाव समझ कर ,उनको हमने स्वीकार किया || 

 

आज बदल गया है समय वह ,कोई नहीं समझे बंधु ,

इंतजार का मजा है क्या ?   फिर पाने का मजा  है  क्या ?

यही तो चिट्ठी का सच है ,यही तो चिट्ठी का सच है ||



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