Wednesday, January 24, 2024

KHILKHILAATE RANG ( JIVAN )

 

                खिलखिलाते रंग 


जीवन की भूल - भुलैयाँ में ,

राह हम भूल गए हैं दोस्तों ,

बचपन के सभी खेल भी ,

मानो भूल ही गए हैं दोस्तों || 


आज के जीवन की हलचलों में ,

हम फँस भी गए हैं दोस्तों ,

उन बंधनों से हम को ,

निकाल तो लो दोस्तों || 


साथ जब दोस्तों का ,

मिल जाता है   तो ,

मुस्कानें भी तो ,

खिलखिला जातीं हैं दोस्तों || 


रंग खिलखिला जाते हैं ,

और मौसम में बिखर जाते हैं ,

तो जीवन मानो ,

इंद्रधनुष ही बन जाता है दोस्तों || 


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