कोरे कागज पे लिखा है,मैंने तेरा नाम, 
तेरी फोटो से तो मेरा,घर बन गया धाम,
तेरे प्यार में ही तो मेरी, बीते सुबह- ओ-शाम। 
पहुँच गए हम उस जहान में,पता नहीं जिस का आम,
नहीं पहुँच पाते वहाँ पर, हर खास- ओ- आम,
हाथ पकड़कर हम तो तेरा,पाए अपना मकाम। 
तू भी पढ़ ले मेरी पाती,आजा मेरे धाम,
हर जगह तू पाएगा लिखा, अपना ही तो नाम, 
शायद तू भी पा जाए, यहाँ अपना मकाम। 
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