धरा माँ
जनम लिया इस धरती पर ,धरा हमारी माता है ,
भेजा जिसने हमें यहाँ ,वह अपना विधाता है ,
जीवन देने वाला ऊपर ,नीचे पालनहार है ,
फिर हम कैसे सोचें ? दुनिया में क्या रखा है ?
प्यार दुलार सभी कुछ है ,जीवन के लक्ष्य कुछ हैं ,
जितना जीवन मिला हमे, वही तो अपनी थाती है ,
कुछ कर जाएँ जीवन में ,ये बात हमें तो भाती है |
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