Friday, December 10, 2021

RAISTORENT ( HASYA )

 

                रैस्टोरेंट 

 

ये प्लेटों की खड़खड़ाहट ,

ये चम्मचों की छनछनाहट ,

स्वादों की खुश्बुओं से भरी हवाएँ ,

वेटरों को बुलातीं हैं ये सदाएँ | 


कोई ढोकले का स्वाद है लेता ,

कोई इडलियों को उदरस्थ करता ,

कोई समोसे संग चटनियाँ चखता ,

कोई कचौड़ियों को कुरकुर है करता | 


कोई मीठी लस्सी संग रसगुल्ला खाता ,

कोई केक ,पेस्ट्री के मजे है उड़ाता ,

किसी को स्वाद आता वड़ा पाव में ,

कोई डूब जाता मिसल के स्वाद में | 


ये तो रैस्टोरेंट है ,बुलाता है सबको ,

मजेदार स्नैक्स खिलाता है सबको ,

चाय ,कॉफी का मजा दिलाता है सबको ,

जीवन के रंग दिखाता है सबको | 


सभी बड़े चाव से सब हैं खाते ,

मीठे और नमकीन के मजे हैं उड़ाते ,

खाते और साथ में कहकहे हैं लगाते ,

जीवन को अपने खुशनुमा हैं बनाते | 


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