रैस्टोरेंट
ये प्लेटों की खड़खड़ाहट ,
ये चम्मचों की छनछनाहट ,
स्वादों की खुश्बुओं से भरी हवाएँ ,
वेटरों को बुलातीं हैं ये सदाएँ |
कोई ढोकले का स्वाद है लेता ,
कोई इडलियों को उदरस्थ करता ,
कोई समोसे संग चटनियाँ चखता ,
कोई कचौड़ियों को कुरकुर है करता |
कोई मीठी लस्सी संग रसगुल्ला खाता ,
कोई केक ,पेस्ट्री के मजे है उड़ाता ,
किसी को स्वाद आता वड़ा पाव में ,
कोई डूब जाता मिसल के स्वाद में |
ये तो रैस्टोरेंट है ,बुलाता है सबको ,
मजेदार स्नैक्स खिलाता है सबको ,
चाय ,कॉफी का मजा दिलाता है सबको ,
जीवन के रंग दिखाता है सबको |
सभी बड़े चाव से सब हैं खाते ,
मीठे और नमकीन के मजे हैं उड़ाते ,
खाते और साथ में कहकहे हैं लगाते ,
जीवन को अपने खुशनुमा हैं बनाते |
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