Tuesday, December 7, 2021

VISHVASNEEY ( KSHANIKA )

 

             विश्वसनीय

 

रंगीन दरवाजे के पीछे ,फैली अविश्वसनीयता ,

ऊँचे पहाड़ों ,गहरे सागरों की ,ऊँची गहराइयों ,

में फैली अविश्वसनीयता ,

तेरी मेरी सोचों में फैली है दोस्त ,

गहरी विश्वसनीयता | 

 

बीता हुआ कल तो बीत गया ,

मानो इंद्रधनुष के रंगों को बिखरा गया ,

आने वाला कल अनजाना है ,

फैली हुई है आज विश्वसनीयता | 

 

आने वाला कल,कल को आज बन जाएगा ,

और आज ,कल को इतिहास बन जाएगा ,

हम ,तुम भी दोस्त आने वाले समय में ,

इतिहास बन जाएँगे ,

यही है विश्वसनीयता | 

 

बीते समय की ,अपने इतिहास की गलतियों से ,

सीख लो कुछ दोस्त ,उन्हें दोहराओ मत ,

करो विश्वास कि ,रहेगी सदा विश्वसनीयता | 

 

फिर से जीवन बनेगा सोन चिरैया ,

फिर से देश बनेगा सोन चिरैया ,

सभी सुखी ,सभी जीवंत होंगे ,

मुस्कुराहटों भरी आएगी विश्वसनीयता |

 

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