Thursday, December 9, 2021

JIVAN NAIYYAA ( PREM )

 

                              जीवन नैया

 

दुनिया की भूल -भुलैया में ,खो गए हैं हम सखे ,

ढूँढेंगे हम किसी को क्या ? हम ही खो गए हैं सखे | 

 

जीवन की नैया तैर रही ,हिचकोले है खाती सखे ,

हिलते-हिलते वो जीवन के,छिपे से राज बताती सखे|  


आगे रास्ता कौन बताए ? समझ में बात ना आती सखे ,

इतने बड़े से जहान में ,दिशा समझ ना आती सखे | 


हर ओर को रास्ते मुड़ जाते ,हम किधर मुड़ें ये जानें ना सखे ,

अपनी मंजिल है किधर को दोस्त ? हम राह कोई पहचाने ना सखे | 


जीवन की नैया खेते जाओ ,लग जाओगे पार सखे ,

यही सुनी है हमने दोस्तों ,दूजों के मुख से बात सखे | 


 ये भूल -भुलैया हमने तो ,कर ली है लंबी पार सखे ,

जो थोड़ी राह बची है वो ,आगे करनी है पार सखे | 


चलते -चलते ही आगे भी ,लग जाएगी नैया पार सखे ,

कुछ हँसते -हँसते ,कुछ गाते -गाते और मुस्काते सखे | 


हाथ पकड़ हम चलते जाएँ ,साथ में हम मुस्काएँ सखे ,

जीवन पार लगेगा यूँ ही ,हम लग जाएँगे पार सखे | 


प्यार में बीत गया जीवन ,चाहे राहें ऊँची -नीची हों ,

प्यार में हम डूबें सिर तक ,प्यार लबालब मिले हमें सखे | 


तन -मन भीगे प्यार की फुहारों में ,कभी ना हो बयारों में ,

कलियाँ खिल जाएँ दिल की ,महके खुश्बु गुलजारों में सखे | 


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