Monday, December 20, 2021

SEEKH NADIYA SE ( RATNAKAR )

 

               सीख नदिया से 

 

नदिया निकले परबत से ,

लहर -लहर लहराती जाए ,

टेढ़ी -मेढ़ी राहें लेकर ,

जाय  समंदर में मिल जाए | 

 

ठंडा -ठंडा पानी लेकर ,

राहें नई बनाती जाए ,

राहों को उपजाऊ करके ,

जाय समंदर में मिल जाए | 

 

बीच राह में जो मिल जाए ,

उसकी प्यास बुझाती जाए ,

जरूरतें सबकी पूरी कर ,

जाय समंदर में मिल जाए | 

 

नदिया की राहों के बीच में ,

हरियाली फैलाती जाए ,

परिंदों के पंखों से उड़ कर ,

जाय समंदर में मिल जाए | 

 

निर्मल ,शीतल ,मीठा जल ,

नदिया लेकर बहती जाए ,

प्यास बुझा मुस्कान बाँटती ,

जाय समंदर में मिल जाए | 

 

लहर -बहर करती नदिया ,

प्यार से सबको पास बुलाए ,

जीवन सबका सुखी बनाकर ,

जाय समंदर में मिल जाए | 

 

हम भी इस नदिया से सीख कर ,

अपना जीवन मधुर बनाएँ ,

प्यार बाँट ,मुस्कानें फैला कर ,

जाएँ ,समंदर में मिल जाएँ |

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