सीख नदिया से
नदिया निकले परबत से ,
लहर -लहर लहराती जाए ,
टेढ़ी -मेढ़ी राहें लेकर ,
जाय समंदर में मिल जाए |
ठंडा -ठंडा पानी लेकर ,
राहें नई बनाती जाए ,
राहों को उपजाऊ करके ,
जाय समंदर में मिल जाए |
बीच राह में जो मिल जाए ,
उसकी प्यास बुझाती जाए ,
जरूरतें सबकी पूरी कर ,
जाय समंदर में मिल जाए |
नदिया की राहों के बीच में ,
हरियाली फैलाती जाए ,
परिंदों के पंखों से उड़ कर ,
जाय समंदर में मिल जाए |
निर्मल ,शीतल ,मीठा जल ,
नदिया लेकर बहती जाए ,
प्यास बुझा मुस्कान बाँटती ,
जाय समंदर में मिल जाए |
लहर -बहर करती नदिया ,
प्यार से सबको पास बुलाए ,
जीवन सबका सुखी बनाकर ,
जाय समंदर में मिल जाए |
हम भी इस नदिया से सीख कर ,
अपना जीवन मधुर बनाएँ ,
प्यार बाँट ,मुस्कानें फैला कर ,
जाएँ ,समंदर में मिल जाएँ |
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