श्रद्धा सुमन ( भाग - 7 )
पृथ्वी लोक में माटी होती ,
माटी से ही बनता है सुंदर प्याला ,
उस प्याले में भर जाती है ,
मदिर ,मधुर ,मादक हाला ,
पृथ्वी लोक में ही तो होतीं ,
सुंदर - सुंदर साकी बाला ,
पृथ्वी लोक में ही तो मिलती ,
प्यारी सी ये मधुशाला |
इंद्रधनुषी रंगों से रंग कर ,
ले आए हम अपना प्याला ,
उस रंगीन प्याले में हम ,
भर देते हैं ऊपर तक मादक हाला ,
प्याला लेकर चलती आतीं ,
सामने से साकी बाला ,
तभी तो अपनी पूरी होगी ,
नशे में डूबी मधुशाला |
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