Thursday, July 1, 2021

HOLI MANAAYI ( GEET )

 

              होली मनायी


सोई तब मैं बाँहों में ,छेड़ दिया साजन ने ,

खोई थी मैं सपनों में ,छेड़ दिया साजन ने | 


ना जाने क्या उसने पिलाया ? 

जरा भी तो होश ना आया ,

पर ना जानूँ क्या मन उसके आई ?

उसने मुझको छेड़ जगाया ,

तब भी थी मैं बाँहों में ,छेड़ दिया साजन ने | 


आँखें खोलीं तो दिल धड़का ,

आईना था हाथों में ,

एक नज़र जो देखा उसमें ,

डूबी थी मैं रंगों में ,

ऐसी होली मनायी  रातों में ,छेड़ दिया साजन ने | 

 

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