आँचल को थामने
ना जाने आए कब पहलू में वो ,
हम जान ना सके ,
उनकी नजर में प्यार था ,
हम पहचान ना सके |
बाँहों में बँध गए हम ,
खुद में सिमट गए हम ,
ये प्यार ही था उनका ,
उनसे लिपट गए हम |
देखा जो इश्क उनका ,
तो कुर्बान हो गए हम ,
खुद ही तड़प के दिल में ,
मेहमान हो गए हम |
जो शब्द ही वो बोले ,
वो था हमें यूँ प्यारा ,
जैसे हो चाँद पूनम का ,
ज्यूँ इश्क का सितारा |
तड़पा दिया उसी ने ,
हम जिसके हो गए ,
दो दिल थे एक धड़कन ,
हम ये क्या हो गए ?
प्यार उनपे आ रहा था ,
दिल जिसको पा रहा था ,
बाँहों में था बदन जब ,
कुछ ना याद आ रहा था |
यादें भी थीं उसी की ,
थे जिसके सामने हम ,
देखो तो लगे हैं ,
आँचल को थामने हम |
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