Saturday, July 10, 2021

EK KADAM ( CHANDRAMA )

 

         एक कदम 


अहसास के लम्हों में ,

प्यार के उन पलों में ,

पास थे हम और तुम ,

पर जैसे पास नहीं थे | 


बाँहों ने तेरी मेरे ,

जिस्म को था लपेटा ,

जैसे की बादलों ने ,

चंदा को है समेटा | 


पर फिर भी दूरियाँ थीं ,

धरा और गगन की ,

तेरे आगोश में भी ,

बुझी ना प्यास मेरे मन की | 


तेरा था दिल बेचैन ,

दिल मेरा भी बेक़रार ,

थे मगर चुप ही दोनों ,

ना थी कोई तकरार | 


चंदा निकला बादलों से ,

फैलाई सब ओर चाँदनी ,

नहाए उसी चाँदनी में ,

हम -तुम ,हाँ ,हम -तुम | 


चाहा पकड़ लें दामन ,

एक कदम और बढ़ा के ,

पर सिमट गए हम खुद ही ,

तुझसे नजर मिला के | 


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