किनारे मिले
नदिया के किनारे ,समंदर के किनारे ,
मिलते नहीं कभी ,
पानी की लहरें ही,
दोनों का संदेसा पहुँचातीं|
एक किनारे कोई रुका ,
दूजे किनारे कोई रुका ,
मेरे बाबूजी पहुँचे उस किनारे ,
आज के दिन बीस बरस पहले ,
रुके इंतजार में माँ की |
माँ मेरी बीते कल के दिन ,
पहुँची सात बरस पहले ,
मिले दोनों तेरह बरस बाद |
मिलाया दोनों को हवा की धारा ने ,
मिलाया दोनों किनारों को ,
मिलाया उस परमात्मा ने |
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