Saturday, July 31, 2021

KINAARE MILE ( SMALL POEM )

 

             किनारे मिले 


नदिया के किनारे ,समंदर के किनारे ,

मिलते नहीं कभी ,

पानी की लहरें ही,

दोनों  का संदेसा पहुँचातीं| 


एक किनारे कोई रुका ,

दूजे किनारे कोई रुका ,

मेरे बाबूजी पहुँचे उस किनारे ,

आज के दिन बीस बरस पहले ,

रुके इंतजार में माँ की | 


माँ मेरी बीते कल के दिन ,

पहुँची सात बरस पहले ,

मिले दोनों तेरह बरस बाद | 


मिलाया दोनों को हवा की धारा ने ,

मिलाया दोनों किनारों को ,

मिलाया उस परमात्मा ने |

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