Saturday, July 24, 2021

TIMTIM TAARE ( JIVAN )

   

               टिमटिम तारे 


प्रेम हुआ जब हमको ,राहें लंबी हो गईं ,

ऊँचाइयाँ गगन की ,पहुँच से ऊँची हो गईं | 


छूना गगन को ,असंभव सा हो गया ,

ये लगा अपनी तो ,लंबाई ही कम हो गई ,

सोचा कि सीढ़ी ,लगाकर चढ़ जाएँ ,

मगर अपनी तो ,सीढ़ी ही गायब हो गई | 


फूलों की खुश्बुएँ ,फैलीं चमन में ,

चहुँ ओर खुश्बुएँ ,उड़ गईं ,

खुश्बुओं के ,साथ - साथ ही ,

तितलियाँ भी ,उड़ गईं | 


गगना के तारे ,जैसे नयनों में समाएँ  ,

रात की नींद में ,सपने दिखाएँ ,

सपनों में तो ,अनगिनत तारे ,

टिम -टिम करते ,हुए टिमटिमाएँ  | 

 

सपनों में ही ,तारे साथी बन ,

दूर - दूर की ,सैर कराएँ ,

जहाँ कहीं हम ,कभी नहीं गए ,

उन जगहों की भी ,हमें सैर कराएँ | 

 


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