भीगा मन
किसने देखा मेरा दिल ?
किसने समझी मेरी धड़कन ?
तूने तो आँसू बहा लिए ,
जीने के साधन बना लिए |
घुटता पल -पल मेरा जीवन ,
आँखों में नमी नहीं थी पर ,
दिल में एक बाढ़ सी आई ,
आती है एक पल मौत सभी को ,
मुझे क्यों हर पल आई ?
डूबी जाती है धड़कन ,
था रंग हवा में फैला सा ,
खुशियों का जाल बिछा था ,
मगर पास था मेरे केवल ,
तेरे अहसास का भीगापन |
जी पाई ना एक पल भी ,
आई मौत हर एक पल में ,
तू आ जाता तो साथ तेरे ,
आ जाता भीगा सा सावन |
No comments:
Post a Comment