मैं मनाऊँ
मेरे हमदम बता मुझको,
इस अवसर पर ,
क्या दुआ दूँ तुझको ?
कुछ नहीं है पास मेरे ,
जो दूँ तुझे ,
ये दिल भी मैं तुझे दे चुकी ,
ये तन भी मैं तुझे दे चुकी ,
दुआएँ हमेशा से हैं तेरी ,
अब तू ही बता मुझको ,
क्या दुआ दूँ तुझको ?
तेरी ख़ुशी के लिए ,
मैं हर ग़म को झेलूँ ,
तू हमेशा मुस्कुराए ,
मैं सारी उदासी ले लूँ |
खिल जाएँ साँसें तेरी ,
चाहे मैं मुरझाऊँ ,
नहीं समझ में आता मेरी ,
कैसे ये दिन मैं मनाऊँ ?
दिल यही करता है बस ,
तेरी बाँहों में झूल ज़ाऊँ |
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