Sunday, July 18, 2021

TARSAANE ( GEET )

 

          तरसाने  

 

मत गा फागुन गीत सुहाने ,

तू क्या जाने बेदर्दी ? 

प्रीतम हैं मुझसे अनजाने | 

 

तुझमें डूबी दुनिया सारी ,

पर भीगी ना मेरी साड़ी ,

रंग लगाया ना मुझको ,

थोड़ा भी मेरे सजना ने 

 

 तुझको देखा था बरसों से ,

तुझमें डूबी थी बरसों से ,

जालिम फिर अबकी बार ही ,

आया क्यों मुझको तरसाने ? 

 

ऐसे जब आगे आएगा ,

फिर और मुझे तड़पाएगा ,

कसम है फागुन तुझको मेरी ,

आना ना मुझको तड़पाने | 

 

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