मुक्तक -5
1 )
दिल में एक दर्द उभर आया है ,
तेरी यादों ने जो तड़पाया है ,
गर्म साँसों का ये तूफ़ान उमड़ आया है ,
तेरी यादों ने जो तड़पाया है |
2 )
जिंदगी एक दर्द बन के रह गई ,
हर ख़ुशी ग़म में ढल के रह गई ,
तू गैर का हुआ है परदेस में जाकर ,
कोई आवाज कानों में ये कह गई |
3 )
भूले तेरे प्यार में सारा जहां ,
मिला ना पर कामयाबी का निशां ,
तन्हा थी ,आज भी तन्हा हूँ ,
ना जाने ख़त्म होंगी ,ये तन्हाईयाँ कहाँ ?
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