याद आई ( जलद आ )
दिल की तमन्ना ने ली ,झूम के अँगड़ाई ,
मुझे तेरी याद आई ,
सावन में जब कभी भी, ऐसी बदली छाई ,
मुझे तेरी याद आई |
आया जो सामने तू ,देखा नजर उठाकर ,
नजरें मिलीं तो खुद हम ,बैठे नजर झुकाकर ,
सपनों में ही है हमने ,तुझसे नजर मिलाई ,
मुझे तेरी याद आई |
लब खुल तो गए लेकिन ,वहाँ बोल ही नहीं थे ,
यूँ सामने बैठे हम ,ज्यूँ सामने नहीं थे ,
मन ही में हमने तुझसे ,सब बात है बताई ,
मुझे तेरी याद आई |
अब दूर है तू मुझसे ,प्यासी है नजर कब से ,
सावन की बरखा में भी ,मन बादलों को तरसे ,
आजा कि सहन होती नहीं ,तेरी अब जुदाई ,
मुझे तेरी याद आई |
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