Saturday, June 19, 2021

GAE KAAHE ? ( CHANDRAMA )

 

गए काहे    (  चंद्रमा  )


प्रीतम की याद में तड़पे है मन ,

गए काहे को परदेस साजन ?

भूले हैं जीवन की खुशियों को हम ,

गए काहे को परदेस साजन ? 


दिन डूबा तो हँस दिया सूरज ,

चाँद भी मुस्काया ,हँसे सितारे ,

हँसते -हँसते ही तो रात का टूटा है दम ,

गए काहे को परदेस साजन ? 


भूल ना पाई मैं तेरी बातें ,

गुजरी जगते -जगते सारी रातें ,

तू ना आया बेदर्दी ,तड़पे कितने हम ?

गए काहे को परदेस साजन ?  


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