Monday, June 14, 2021

SWAASTHYA KE LIYE (GEET )

 

          स्वास्थ्य के लिए


चक्र समय का चले है भैया ,

जानें सब कुछ बाबा ,भैया ,

 सब दिन ना हों एक समान ,

रूप बदल कर चले जहां | 


मौसम बदले रूप अनेक ,

रुत आए ,रुत जाए एक ,

बदले रहना ,खाना ,पीना ,

बदले घूमना और पहनना | 


कभी गगन पर बदरा छाएँ ,

कभी रवि भैया कड़क हो जाएँ ,

कभी तो चाय ,पकौड़े खाएँ ,

कभी शर्बत ,आइसक्रीम हो जाएँ | 


आज तो मौसम महामारी का ,

कोरोना की जंग जारी का ,

मास्क ,नमस्ते ,बनाओ दूरी का ,

ऐसे में घर की दाल ,रोटी खाएँ | 


बातें करें दोस्तों से जो ,

फोन को ही तो माध्यम बनाएँ ,

मिलने ,मिलाने की तो बातें दोस्तों ,

ये सब अभी तो भूल ही जाएँ | 


सारे मौसम बीत ही जाते ,

सारी ऋतुएँ आती जातीं ,

ये मौसम भी बीत जाएगा ,

इस महामारी को एकजुट होकर भगाएँ | 


हम सब मिलकर जब शक्तिमान बनेंगे ,

सब नियमों का पालन करेंगे ,

तभी हराएँगे महामारी को ,

तभी दुनिया को स्वस्थ बनाएँ | 


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