Saturday, June 12, 2021

SHRIDHDHAA SUMAN ( BHAG - 5 )

 

       श्रद्धा सुमन ( भाग - 5  ) 


 अंबर में नहीं मिली है कवि को ,

   मधुर ,मदिर ,मादक हाला ,

वहाँ नहीं कोई साकी बाला ,

     नहीं है सुंदर सा प्याला ,

दिल उसका है मचल रहा ,

     पीने को मादक हाला | 


अंबर से नीचे को झाँके ,

     तो दिखती है मधुशाला ,

वहाँ तो बैठे पीने वाले ,

     लेकर मस्ती में प्याला ,

सभी मस्त हो झूम रहे थे ,

      पीकर मादक सी हाला |

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