Friday, June 11, 2021

TO HAI ( GHAZAL )

     

                 तो है 

 

तेरे मक़ाम को ,ना भूलेंगे ऐ - साकी ,

हर मोड़ के बाद ,तेरी रह गुजर तो है | 

 

रहेंगे अकेले ना ,किसी मंजिल पे हम ,

मेरे साथ मेरा ,ये हमसफर तो है | 


प्यासे रहेंगे कैसे ? जो तू भी ना पिलाए ,

पीने को ये मेरा ,खूने जिगर तो है | 


दिल कैसे ना हो घायल ? ओ कत्ल करने वाले ,

मेरे दिल के लिए तेरा ,तीरे नज़र तो है | 


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