छनकी पायल
काँधे से ढलका आँचल ,
छनकी जो मेरी पायल ,
मुख पे छाए बादल ,
छनकी जो मेरी पायल |
वो भी मुझसे बोल ना पाए ,
नयन भी उनसे मिल ना पाए ,
नयना उठते कैसे मेरे ?
पलकों का था आँचल |
चमक उठे नयना मेरे ,
उनके आने की आहट से ,
चमकीले नयनों में साजन ,
महक उठा मेरा काजल |
रात बीत गई यूँ ही सारी ,
बोली ना मैं लाज की मारी ,
होंठ भी तो मैं खोल ना पाई ,
बोली अंबुआ पे कोयल |
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