याद के दीपक
रंगीन पलों के साए में ,
तेरी याद के दीपक जलते हैं ,
कोई भी ये ना जान सका ,
दिल क्यूँ इस तरह मचलते हैं ?
जीवन की सूनी राहों पर ,
हमसफ़र भी कोई मिल ना सका ,
फिर भी अनजाने में ही ,
हम भी उस राह पे चलते हैं ?
मिल जाता जो कोई राहों पर ,
पा जाते प्यार किसी का हम ,
शायद तब जान पाते हम ,
क्यूँ लोग इस तरह मरते हैं ?
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