बहारें
मेरे जीवन में आईं बहारें ,
खुशियाँ ही खुशियाँ लाई ,
ना कोई दर्द ,ना कोई ग़म ,
ना कोई है तनहाई |
कोई किसी को प्यार करे तो ,
वो उसको ना मिल पाए ,
दुनिया वाले बीच में उनके ,
लाखों बाधाएँ लाएँ ,
मुझको वही हर शय मिली ,
जो मेरे मन को भाई |
ग़म लिखे ना नसीब में ,
दर्द रहे किस्मत से दूर ,
मेरा कोई भी सपना ,
नहीं हुआ दुनिया से चूर ,
हर सपने की बात अधूरी ,
पूरी होकर सामने आई |
ग़म से दूर दुनिया भागे ,
मैं खोजूँ ना उसका साथ ,
तड़प को कोई ना अपनाए ,
मैं चाहूँ मीठी तड़प का साथ ,
दर्द है क्या मैं ना जानूँ ,
ना जानूँ मैं तनहाई |
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