सन्नाटा
रुके क़दमों की गूँज ,
चलते क़दमों का सन्नाटा ,
ना सुन पाए हम ||
तेरे दिल की धड़कन में तो क्या ?
तेरी दुनिया में भी ,
ना रह पाए हम ||
वफादार थे तेरे ,
जो तेरी बेवफाई ,
ना सह पाए हम ||
पर जिंदा रहने पर ,
ये होंठ भी तो बैरी कुछ ,
ना कह पाए हम ||
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