दिल की दुनिया
जीवन ये तेरा मेरा ,एक राह का राही है ,
चलता ही जाता है ,एक राह पे संग -संग ,
हर राह के राही हम ,एक साथ चले जाएँगे ,
मंजिल भी मिलेगी हमको ,हर राह की संग -संग |
कुछ प्यार मोहब्बत है ,कुछ मुस्कानें खिलती हैं ,
कुछ पल अनमोल हुए ,कुछ कलियाँ खिलती हैं ,
कुछ सपने सच होने से ,कदम चले आगे ,
मुस्कानों के बढ़ने से ,आशाएँ पलती हैं |
पवन के वेग से ही ,ये मन उड़ जाता है ,
रोके से रुकता नहीं है ,बंधन में नहीं रहता है ,
कोई कैसे रोके ? कोई कैसे इसे टोके ?
ये प्यार के धागों को ,संग लेके उड़ जाता है |
दुनिया कुछ ना जाने ,दुनिया कुछ ना समझे ,
क्या प्यार मोहब्बत है ? क्या दिल की दुनिया है ?
दुनिया तो बस ये जाने ,दो पागल प्रेमी हैं ,
जो एक दूजे के साथ ,एक दूजे की दुनिया हैं |
No comments:
Post a Comment