आशीष उसी का
पहले भी समय बीता है ,यह भी बीत जाएगा ,
मत कर चिंता साथी मेरे ,आसमां खुशियाँ बरसाएगा |
कल नहीं रुका है आज तो ,आज भी टल जाएगा ,
आने वाला कल हमें ,खुशियों के पल दिखलाएगा |
समय कठिन है माना आज ,कल आसां हो जाएगा ,
तू भी मेरे साथ मिलकर ,मुस्कुराएगा ,खिलखिलाएगा |
कलियाँ छिपी हैं ,समय के पर्दे में ,
पर्दे के खुलने पर ,पवन उन्हें खिलाएगा |
कलियों के खिलने ,पर ही तो मेरे साथी ,
बहारों का मौसम ,खिल जाएगा |
जीवन तो जीवन है साथी ,वापस खुशियाँ लौटाएगा ,
राहें जो लगती सूनी हैं ,गुंजायमान कर जाएगा |
हम दोनों की आँखों की ,चमक तभी बढ़ पाएगी ,
जब मौसम प्यार का आएगा ,मौसम प्यार का आएगा |
हर दिन सूरज उग जाएगा ,हर दिन चंदा चमकाएगा ,
तारों भरा आसमां साथी ,यूँ ही खिलखिलाएगा |
हम दोनों मिल के साथ चलेंगे ,तो मौसम मुस्काएगा ,
जीवन की नैया को ईश्वर ,भव सागर से पार लगाएगा |
आशीष उसी रचेता का ,हमारे साथ है साथी मेरे ,
दुःख देता है कुछ पल के ,वह पल भी तो टल जाएगा |
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