शक्ति - भक्ति
समय बीतता जाता कैसे ?
रुकता नहीं दौड़ता जैसे ,
क्यों रोकें हम समय की चाल ?
हम भी मिलादें अपनी चाल |
समय बनाया जिसने आज ,
जीवन के चलाए उसी ने काज ,
चमत्कारों का पहिया उसी ने ,
बहुत चलाया मगर रखा राज |
जंगल में सब शासन उसका ,
दुनिया में सब राशन उसका ,
जिसको चाहे जश्न कराए ,
उनको देख के वो मुस्काए |
प्यार वो सबको करे दोस्तों ,
सबका भला वो चाहे दोस्तों ,
सबको दे आशीष वो दोस्तों ,
हरदम रहे साथ वो दोस्तों |
पता नहीं क्या उसका नाम ?
लोग कहें उसको भगवान ,
कोई कहे खुदा उसको ,
मगर सभी देते सम्मान |
मैं तो कहती शक्ति उसको ,
प्रकृति उसको ,उसको रचेता ,
रची है उसने सारी दुनिया ,
दुनिया की नैया वो खेता |
दुनिया माने उसकी शक्ति ,
करती है वो उसकी भक्ति ,
मेरा तो वह दोस्त दोस्तों ,
उसकी शक्ति ही मेरी शक्ति |
जीवन उसने दिया है मुझको ,
आशीष उसने दिया है मुझको ,
सारा जीवन वही चलाएगा ,
प्यार दिया है उसने मुझको |
ना मैं जानूँ पूजा करना ,
ना जानूँ मैं भक्ति करना ,
प्यार और सम्मान मैं जानूँ ,
जानूँ उससे बातें करना |
वह भी मेरे साथ ही रहता ,
बहुत ही मेरा रखता ध्यान ,
मैं उसका सम्मान हूँ करती ,
वह भी मेरा रखता मान |
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