Saturday, August 7, 2021

SHAKTI - BHAKTI ( AADHYATMIK )

 

              शक्ति - भक्ति 

 

समय बीतता जाता कैसे ?

 रुकता नहीं दौड़ता जैसे ,

क्यों रोकें हम समय की चाल ?

 हम भी मिलादें अपनी चाल | 

 

समय बनाया जिसने आज ,

जीवन के चलाए उसी ने काज ,

चमत्कारों का पहिया उसी ने ,

बहुत चलाया मगर रखा राज | 


जंगल में सब शासन उसका ,

दुनिया में सब राशन उसका ,

जिसको चाहे जश्न कराए ,

उनको देख के वो मुस्काए | 


प्यार वो सबको करे दोस्तों ,

सबका भला वो चाहे दोस्तों ,

सबको दे आशीष वो दोस्तों ,

हरदम रहे साथ वो दोस्तों | 


पता नहीं क्या उसका नाम ? 

लोग कहें उसको भगवान ,

कोई कहे खुदा उसको ,

मगर सभी देते सम्मान | 


मैं तो कहती शक्ति उसको ,

प्रकृति उसको ,उसको रचेता ,

रची है उसने सारी दुनिया ,

दुनिया की नैया वो खेता | 


दुनिया माने उसकी शक्ति ,

करती है वो उसकी भक्ति ,

मेरा तो वह दोस्त दोस्तों ,

उसकी शक्ति ही मेरी शक्ति | 


जीवन उसने दिया है मुझको ,

आशीष उसने दिया है मुझको ,

सारा जीवन वही चलाएगा ,

प्यार दिया है उसने मुझको | 


ना मैं जानूँ पूजा करना ,

ना जानूँ मैं भक्ति करना ,

प्यार और सम्मान मैं जानूँ ,

जानूँ उससे बातें करना | 


वह भी मेरे साथ ही रहता ,

बहुत ही मेरा रखता ध्यान ,

मैं उसका सम्मान हूँ करती ,

वह भी मेरा रखता मान | 


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