ऐसा देखा
कोरे कागज पे लिखा ईश ने ,सबकी किस्मत का लेखा ,
कुछ दुःख ,कुछ सुख लिखे ,हमने ऐसा देखा |
जिन रंगों से रंग डाली ,उसने जिसकी किस्मत ,
उन्हीं रंगोंमें रंगा हुआ ,हमने जीवन देखा |
जो दी उसने रफ़्तार जीवन की ,उसी गति से चली जिंदगी ,
गति नहीं बदल सकती ,हमने ऐसा देखा |
दुःख देके ,दुःख वापस लेता ,सुख से झोली भर देता ,
ऊबड़ -खाबड़ राहों में भी ,फूल बिछा वो देता |
कठिन समय में हाथ थामता ,कठिनाई हर लेता ,
इसी से तो जीवन आगे बढ़ता ,हमने ऐसा देखा |
कल क्या हुआ ?आगे क्या होगा ?मानव नहीं जानता ,
मगर हर दिन में एक पल ऐसा आता ,
उसमें जो माँगों वो इच्छा पूरी करता |
कभी नहीं ऐसा सोचो ,जो दुःख दे किसी जीवन को ,
सबका सुख चाहो तो पाओगे ,सुख की मुस्कानों को |
अब तक जीवन बीता जैसे ,आगे भी बीतता जाए ,
सुख की साँस लेते हुए ही ,हम तेरे लोक में आएँ |
सभी को सुखमय कर दो ईश ,दुनिया सब सुख पाए ,
उन्हीं के साथ हमें भी ईश ,दे दो सुख के साए |
बहुत - बहुत आभार तुम्हारा ,जो तुम साथ हो देते ,
तुम जैसा दोस्त पाकर तो ,हम सब चैन से जीते |
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