Monday, May 31, 2021

JHUKAAE ( GEET )

 

                झुकाए 

 

तेरे प्यार के इंतजार में हम ,

कुछ कह ना सके हँसते ही रहे ,

मिला तू सितमगर तो सामने ,

आकर पलकें झुकाए बैठे रहे | 


पलकें उठीं तो सामने था तू ,

झूठा सपना कोई नहीं था ,

तेरी हँसी सूरत पे लेकिन ,

प्यार का कोई बोल नहीं था ,

तेरे एक बोल को सुनने की ,

आस लगाए बैठे रहे | 


तेरे लब की मुस्कानों पर ,

कर दीं निछावर सारी खुशियाँ ,

तेरे एक - एक बोल से तो अब ,

खिल गईं मेरे दिल की कलियाँ ,

लब पर थी मुस्कान मगर ,

नज़रों को झुकाए बैठे रहे | 


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