ख़ामोशी
ख़ामोशी ,प्यार भरी ,
फैली है बीच में ,
दो दिल हैं पास - पास ,
बाँहों का बंधन है ,
नज़रों का संगम है |
साँसों की सरगम पर ,
भावनाओं के उतार -चढ़ाव ,
कह जाते हैं दिल की बात ,
जरूरत ना शब्दों की ,
जरूरत दिल की धड़कन की |
अधखुले होंठ और ,
अधमुंदीं पलकें ही ,
लव्ज बन जाते हैं ,
पपड़ाए होंठ ही ,
गरम साँसों के इकरार का ,
माध्यम बन जाते हैं |
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