नहीं जाना
तनहाईयों आँचल ढलका ,
नहीं जाना किसी ने भी ,
किसी की याद में दिल तड़पा ,
नहीं जाना किसी ने भी |
तेरा जो प्यार था पाया ,
उसी की याद है अब तो ,
उन्हीं यादों का साया जब सरका ,
नहीं जाना किसी ने भी |
तेरी बातों की यादें हैं ,
मेरे लब पे जो आहें हैं ,
लब पर मेरे ये गीत जब अटका ,
नहीं जाना किसी ने भी |
खुली जुल्फों के साये में ,
ये सुबह शाम हो जाती ,
मगर ये चाँद जब चमका ,
नहीं जाना किसी ने भी |
तेरी राहों में बैठे हैं ,
है दिल में आस छोटी सी ,
अगर तुम आज आ जाते ,
वो हो जाती अभी पूरी ,
किया हमने अभी सजदा ,
नहीं जाना किसी ने भी |
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