Sunday, May 30, 2021

NAHIN JANA ( CHANDRAMA )

 

       नहीं जाना 

 

तनहाईयों  आँचल ढलका ,

   नहीं जाना किसी ने भी ,

किसी की याद में दिल तड़पा ,

     नहीं जाना किसी ने भी | 

 

तेरा जो प्यार था पाया ,

     उसी की याद है अब तो ,

उन्हीं यादों का साया जब सरका ,

     नहीं जाना किसी ने भी | 

 

तेरी बातों की यादें हैं ,

     मेरे लब पे जो आहें हैं ,

लब पर मेरे ये गीत जब अटका ,

     नहीं जाना किसी ने भी | 

 

खुली जुल्फों के साये में ,

      ये सुबह शाम हो जाती ,

मगर ये चाँद जब चमका ,

      नहीं जाना किसी ने भी | 

 

तेरी राहों में बैठे हैं ,

    है दिल में आस छोटी सी ,

अगर तुम आज आ जाते ,

      वो हो जाती अभी पूरी ,

किया हमने अभी सजदा ,

      नहीं जाना किसी ने भी | 

 

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