दिल में खिले
मेंहदी रची हथेलियों पर ,
जब झुकी उनकी नजर ,
दिल में खिल गए सौ कमल |
देख कर उनकी नजरों में प्यार ,
दिल मेरा हुआ बेक़रार ,
बेक़रार दिल से ,ना पाए वो निकल ,
दिल में खिल गए सौ कमल |
नजरें झुकीं थीं मेरी पर ,
बेताब थीं देखने को उन्हें ,
देखा जो सामने ,तो वो रहे थे संभल ,
दिल में खिल गए सौ कमल |
कह ना पाई उनसे कुछ ,
दिल की दिल में ही रही ,
उनकी बातें सुन के ही ,मन मेरा गया मचल ,
दिल में खिल गए सौ कमल |
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