Saturday, May 29, 2021

MANAAOON KAISE ? ( GEET )

 

             मनाऊँ कैसे ? 

 

फागुन तुझे मनाऊँ कैसे ? 

प्रियतम घर नहीं आए मेरे ,

अपना रूप सजाऊँ कैसे ? 

 

बिंदिया माथे की हँस देगी ,

मेंहदी हाथों की रंग देगी ,

तू ही बता हाथों की ,

चूड़ी को खनकाऊँ कैसे ? 


रंग आँख कधुँधला सा है ,

और अधर हैं रंगहीन से ,

जान गई थी साजन रूठे ,

फिर भी नयन क्यूँ हो गए गीले ?

ऐसे विरही मौसम में ,

नयन सुधा बरसाऊँ कैसे ?


तन हैं गीले सबके रंग से ,

मेरे नयन भरे हैं जल से ,

बता दे कोई मुझको इतना ,

अंग पे रंग लगाऊँ कैसे ? 

फागुन तुझे मनाऊँ कैसे ? 


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