ख्याल
तनहाईयों में अकसर ये सोचती थी मैं ,
जब तुम मिलोगे मुझसे तो क्या करूंगी मैं?
तेरे ख्याल का वजूद है मेरे दिल में ,
तुमको हमेशा यूँ ही देखा करूंगी मैं |
दिल ने तुम्हीं को चाहा अब तक की जिंदगी में ,
आगे भी प्यार केवल तुमसे करूंगी मैं ,
तेरे विशाल नयनों में खो जाऊँ पंछी बन के ,
इस जहाँ में रहकर अब क्या करूंगी मैं ?
तेरे आगोश में ही सिमट आई मेरी दुनिया ,
अब इनसे दूरियाँ ना गँवारा करूँगी मैं ,
गर कोई नाम पूछे चितचोर का मेरे ,
तुम्हारी तरफ ही तब तो इशारा करूँगी मैं |
मुझको ना भूलना तुम ना मुझसे जुदा होना ,
ये ख्याल रहे कि ऐसे ना जिंदा रहूँगी मैं ,
तकदीर हमें लाई ज्यूँ इस जनम में साथ ,
अगले जनम में भी तुम्हें पाया करूँगी मैं |
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