प्यार तेरा
पाया जो तेरा प्यार ,तमन्ना नहीं है कोई ,
मिल जाए जैसे मंजिल न,रातों को मैं यूँ सोई |
दर्दो आलम का रास्ता ,ना हमने तय किया ,
ग़म की किसी मंजिल ने ,ना हम पे करम किया ,
तनहाईयों की महफ़िल ,आई थी पास मेरे ,
दूरी पर यूँ रुकी वो ,झटका लगा हो कोई |
तू प्यार से देखे जा ,और हम मुस्कुराएँ ,
हमको ना तू भुलाए और ,तुझे ना हम भुलाएँ ,
मंजिल पे ना पहुँचें ,राहों में चलते जाएँ ,
ये दुनिया सारी समझे ,भटका है राह कोई |
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