Tuesday, May 21, 2024

AHAMIYAT ( JIVAN )

 

                            अहमियत 


हमेशा वक्त की तरह बहते जाओ ,

वक्त की तरह ही बन जाओ ,

जो तुम्हारी अहमियत ना समझे ,उससे फिर ना मिलो ,

जो तुम्हारी अहमियत समझे ,

उससे ही आगे और प्यार से मिलो || 


परिवार हो या कोई संगठन हो ,

कोई कवि सम्मलेन हो या कवि गोष्ठी ,

सब की ही सुनो ,सब की ही सुनो ,

और अपनी भी सुनाओ दोस्तों || 


अपनी या दूसरों की तुलना ,किसी से भी ना करो दोस्तों ,

कोई भी दो व्यक्ति ,एक समान नहीं होते दोस्तों ,

इसलिए सब कुछ समान रखते हुए ,

तुम भी  मुस्कुराओ दोस्तों || 


कभी भी अह्म के सागर में ,मत डूबो दोस्तों ,

अगर अह्म में डूब गए ,तो हमारी बर्बादी निश्चित है ,

और दूसरों के हाथों नहीं ,हमारे स्वयं के हाथों दोस्तों || 


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