अहमियत
हमेशा वक्त की तरह बहते जाओ ,
वक्त की तरह ही बन जाओ ,
जो तुम्हारी अहमियत ना समझे ,उससे फिर ना मिलो ,
जो तुम्हारी अहमियत समझे ,
उससे ही आगे और प्यार से मिलो ||
परिवार हो या कोई संगठन हो ,
कोई कवि सम्मलेन हो या कवि गोष्ठी ,
सब की ही सुनो ,सब की ही सुनो ,
और अपनी भी सुनाओ दोस्तों ||
अपनी या दूसरों की तुलना ,किसी से भी ना करो दोस्तों ,
कोई भी दो व्यक्ति ,एक समान नहीं होते दोस्तों ,
इसलिए सब कुछ समान रखते हुए ,
तुम भी मुस्कुराओ दोस्तों ||
कभी भी अह्म के सागर में ,मत डूबो दोस्तों ,
अगर अह्म में डूब गए ,तो हमारी बर्बादी निश्चित है ,
और दूसरों के हाथों नहीं ,हमारे स्वयं के हाथों दोस्तों ||
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