Tuesday, May 28, 2024

PAANII AANKH KAA ( JIVAN )

 

                         पानी आँख का 


मासूम दिल की उलझनें ,कोई ना सुलझाए ,

उलझनों की गाँठों को ,खुद ही सुलझा लो दोस्तों || 


बढ़ने ना देना उन उलझनों को ,नहीं तो दिल परेशां होगा ,

एक - एक करके खोलो गाँठें ,खुद ही ,खुद ही दोस्तों || 


उलझनों के कारण जो ,आए पानी आँखों में ,

नहीं दिखाना किसी को दोस्तों ,आँख के उस पानी को || 


कोई नहीं समझेगा दोस्तों ,उलझनों और उस पानी को ,

कोई नहीं दूर करेगा ,दोस्तों तुम्हारी परेशानी को || 


इसीलिए कहना मान लो दोस्तों ,दूर करो सब उलझनें ,

पोंछ डालो आँख में आए ,उस पानी को ,उस पानी को || 


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