दीप जला दो
नन्हा सा एक दीप जला दो ,किसी की अँधेरी राहों में ,
नन्हीं सी किरणें जगमगा देंगी ,
किसी की अँधेरी राहों को ,
तुम्हारी आँखों में भी ,चमक बढ़ जाएगी दोस्तों ||
तुम्हारा चेहरा भी चमक उठेगा ,उस दीप के प्रकाश में ,
होठों की मुस्कान दमक उठेगी ,
उस दीप के प्रकाश में ,
अपने होठों की मुस्कानों को ,और बढ़ा दो दोस्तों ||
जिसकी रहें जगमगाएँगी ,वो दुआ देगा तुम्हें,
अपनी ख़ुशी भी वह ,देना चाहेगा तुम्हें ,
अपना अपनत्व उस पर ,लुटा दो तुम दोस्तों ||
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