तुम्हारी अपनी
बटोर लो सभी रिश्तों को ,वही तो तुम्हारे अपने हैं ,
बटोर लो सभी भावों को ,वही तो तुम्हारे अपने हैं ,
सभी भावों को रिश्तों में बिखरा दो ,
वही तो तुम्हारे अपने हैं ||
बटोर लो अपनी साँसों को ,वही तो तुम्हारी अपनी हैं ,
बटोर लो अपनी धड़कनों को ,वही तो तुम्हारी अपनी हैं ,
सभी धड़कनों और साँसों को ,महसूस तो करो जरा ,
वही तो तुम्हारी अपनी हैं ||
बटोर लो अपनी आँखों की चमक को ,वही तो तुम्हारी अपनी हैं ,
बटोर लो अपने होठों की मुस्कान को ,वही तो तुम्हारी अपनी है ,
आँखों की चमक और होठों की मुस्कान को ,महसूस कर लो जरा ,
वही तो तुम्हारी अपनी हैं ||
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