Monday, May 27, 2024

TUMHAARII APNII ( JIVAN )

 

                          तुम्हारी अपनी 


बटोर लो सभी रिश्तों को ,वही तो तुम्हारे अपने हैं ,

बटोर लो सभी भावों को ,वही तो तुम्हारे अपने हैं ,

सभी भावों को रिश्तों में बिखरा दो ,

वही तो तुम्हारे अपने हैं || 


बटोर लो अपनी साँसों को ,वही तो तुम्हारी अपनी हैं ,

बटोर लो अपनी धड़कनों को ,वही तो तुम्हारी अपनी हैं ,

सभी धड़कनों और साँसों को ,महसूस तो करो जरा ,

वही तो तुम्हारी अपनी हैं || 


बटोर लो अपनी आँखों की चमक को ,वही तो तुम्हारी अपनी हैं ,

बटोर लो अपने होठों की मुस्कान को ,वही तो तुम्हारी अपनी है ,

आँखों की चमक और होठों की मुस्कान को ,महसूस कर लो जरा ,

वही तो तुम्हारी अपनी हैं || 


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