वही दिन
वही दिन फिर से है आया ,
देश के वीरों ने देश को ,आज़ाद था करवाया ,
परतंत्रता की बेड़ियों को काट ,
देश को मुक्त था करवाया ||
खुली हवा में साँसें भर लीं ,सभी देशवासियों ने ,
अपनी मिट्टी की सौंधी खुश्बु ली।
सभी देशवासियों ने ||
कुछ सपूतों ने मिलकर ,देश के वास्ते कानून नया बनाया ,
और देश के मन - मस्तिष्क को ,
उसी कानून से चमकाया ||
जब वह लागू हुआ कानून ,तो देश गणतंत्र कहलाया ,
और उस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में ,
26 जनवरी को मनाया ,वही दिन फिर से है आया ||
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