सम्मान
सम्मान किसी से मिले या ना मिले ,
मत रखो कोई उम्मीद किसी से ,
ईश्वर ने जो सम्मान दिया है ,
भर लो अपनी झोली उसी से ||
मानव का जन्म दिया उसी ने ,
इंसान हमें ही बनना है ,
धन्यवाद दें उस ईश्वर को ,
मानव तो बनाया है उसी ने ||
दिल और दिमाग दिए उसी ने ,
सोच ,समझ भी दी है उसी ने ,
सारी शक्ति दी है उसी ने ,
शक्ति के लिए भी शक्ति दी उसी ने ||
उसी शक्ति से बढे चलो तुम ,
सम्मान सजाए झोली में ,
ईश्वर भी मुस्काएगा देख कर ,
तुम्हारा आत्म सम्मान झोली में ||
देखा तुमने सम्मान अपना ,जो बख्शा उसी ने ,
अपनाए रखो सम्मान अपना ,जो बख्शा उसी ने ||
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